दिल्ली आजकल भारत में बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी प्रगति देखने को मिल रही है । इसका लाभ देश के अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में भी हो रहा है। वर्तमान समय में बायोटेक्नोलॉजी ने कृषि क्षेत्र में तीव्र गति से परिवर्तन लाने का काम किया है। बायोटेक्नोलॉजी की सहायता से किसान अपने खेत में अब ज्यादा पैदावार और बेहतर किस्म की फसलें उगा रहे हैं। और अधिक मुनाफा कमा रहे हैं जिससे किसानों की आय में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
बायोटेक्नोलॉजी से कीटनाशको और बीमारियों से बचाव
बायोटेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में अलग- अलग तरह के नए प्रयोग निरंतर किए जा रहे है। इससे फसलों की पैदावार को बढ़ाने में सहायता मिल रही है। इसके साथ ही कीटनाशको और बीमारियों से लड़ने में भी यह तकनीक किसानों की सहायता कर रही है। बायोटेक्नोलॉजी से किसान अपनी फसलों की पैदावार के साथ साथ उनकी गुणवत्ता को भी बेहतर बना रहे है। आप सभी इस आलेख के माध्यम से जानिए कैसे बायोटेक्नोलॉजी कृषि के क्षेत्र में किस प्रकार से मदद कर रही है। और कोन कोन से तरीके अपनाकर किसान अपनी आय दुगुनी कर सकते हैं.?
बायोटेक्नोलॉजी कृषि उत्पादकता के लिए हो सकती है बहुत ही फायदेमंद
बायोटेक विशेषज्ञ ने बायोटेक्नोलॉजी के बारे में बताया कि इस तकनीक ने किसानों की कृषि के क्षेत्र में काफी सहायता की है। यह तकनीक किसानों और कृषि उपज बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है। फसलों की पैदावार बढ़ाने में सहायक है। इस तकनीक की सहायता से अधिक पैदावार वाली नई किस्में विकसित की गई है। सूखा प्रतिरोधी पौधे विकसित किए गए हैं ताकि सूखे की स्थिति में भी अच्छी फसल हो।और किसानों को वर्षा पर निर्भर न रहना पड़े। इस से खाद्य सुरक्षा की स्थिति में भी सुधार आया है। इस तकनीक की मदद से फसलों की निगरानी अब आसान हो गई है।
उन्नत बायोटेक फसलों की कृषि उपज में अधिक बढ़ोतरी संभव
बायोटेक्नोलॉजी की सहायता से कृषि वैज्ञानिकों ने कई फसलों की नई और उन्नत किस्में विकसित की है। इनमें धान, गेहूं, मक्का, सोयाबीन जैसी फसलें सम्मलित हैं। इन नई किस्मों में फसलों की पैदावार बढ़ाने और उन्हें बीमारियों व कीटनाशको के प्रति अधिक मजबूत बनाने की विशेषताएं शामिल की गई हैं। इन सभी उन्नत बायोटेक फसलों की खेती करने से किसानों को पहले की तुलना में अधिक पैदावार हो रही है। इसके साथ साथ ही इन फसलों की गुणवत्ता भी अन्य फसलों की अपेक्षा बेहतर है और बाजार में इनकी डिमांड और इसके बदल फसल की कीमतें भी अच्छी मिल रही हैं। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है।
बायोटेक्नोलॉजी वाली फसलों में अधिक पोषक तत्व
बायोटेक्नोलॉजी की सहायता से अनाज, दाल और सब्जी जैसी फसलों के पोषक तत्वों में बहुत अधिक सुधार किया गया है। इस तकनीक के माध्यम से इन फसलों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, जिंक, विटामिन आदि जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाने में कामयाबी मिली है।
बायोटेक्नोलॉजी वाली फसल में रासायनिक दवाओं की आवश्यकता नहीं होती
बायोटेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों ने ऐसी फसलों की नई किस्में विकसित की हैं जो विभिन्न प्रकार के कीटनाशको और रोगाणुओं के प्रकोप से खुद को बचा पाती हैं। इन्हें ‘कीट प्रतिरोधी’ और ‘रोग प्रतिरोधक’ फसलें कहा जाता है। इस तकनीक के माध्यम से इन फसलों में ऐसे गुण डाले गए हैं जो कीटनाशक रसायनों और दवाओं के बिना ही कीट-पतंगों और विभिन्न प्रकार के रोगों से स्वयं ही लड़ सकती हैं। इससे किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए रासायनिक दवाओं पर खर्च करने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है।
8 thoughts on “बॉयोटेक्नोलॉजी से किसानों की आय हो जायेगी दुगुनी, समझिए कैसे..?”
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